भारतीय
स्टेट बैंक में राजभाषा सप्ताह की धूम
भारतीय स्टेट बैंक के जोरहाट
प्रशासनिक इकाई में सदा की भांति इस बार भी धूमधाम से 7 से 14 सितम्बर को "राजभाषा
सप्ताह" मनाया गया. सहायक महाप्रबंधक(प्रशासन) मिसिर अली अहमद की अध्यक्षता
में आयोजित इस कार्यक्रम का उदघाटन 7 सितम्बर को तथा समापन समारोह 17 सितंबर को रखा गया. कार्यक्रम की शुरुआत आराधना शर्मा द्वारा ईश-वंदना से की
गई. इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति के सदस्य सचिव
अजय कुमार तथा विशिष्ट अतिथि हेमलता-विद्यालय के हिंदी-प्राध्यापक सरोजलाल तथा
पूर्वांचल-प्रहरी के स्थानीय संपादक एस के मिश्र थे. इन सभी अतिथियों का असमिया परंपरा
के अनुसार गामोछा पहनाकर स्वागत किया गया. दीप प्रज्वलन के बाद मुख्य अतिथि अजय कुमार ने अपने भाषण में स्टेट बैंक द्वारा
हिंदी के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए जानकारी दी कि इस कार्यालय के उत्तम कार्यों के लिए नराकास
जोरहाट द्वारा इस बैंक को शील्ड प्रदान की
गई है . उन्होंने आगे कहा कि राजभाषा हिंदी में गलतियों का कोई महत्व नहीं है,
हिंदी का साहित्य में शुद्ध होना आवश्यक है परंतु कार्यालय में तो हिन्दी का
प्रयोग हो, यही महत्वपूर्ण है. सरोजलाल दास ने कहा कि हम सभी को संकल्प लेना चाहिए
कि हम दिल से हिंदी के प्रयोग को बढाने का
प्रयास निरंतर करते रहेंगे. एस के मिश्र
ने भी भारतीय स्टेट बैंक में हो रहे हिंदी के प्रयोग की सराहना करते हुए सभी से
कहा कि हिंदी को सिर्फ हिंदी विभाग अथवा हिंदी अधिकारी तक ही सीमित न रखकर सभी को
इसके विकास के लिए प्रयत्न प्रयत्न करना चाहिए तथा धीरे धीरे हिंदी का प्रयोग बढ़ाना चाहिए. अध्यक्ष
मिसिर अली अहमद ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सभी से अनुरोध किया कि हमें कार्यालय
में हिंदी के प्रयोग को सिर्फ सप्ताह तक ही सीमित ना रखते हुए कुछ ठोस कार्य
करते हुए इसको बढाने का प्रयास पूरे वर्ष जारी रखना है, तभी बैंक द्वारा
मनाए जा रहे हिन्दी सप्ताह के उद्देश्य साकार होंगे . क्षेत्र-1 के सहायक
महाप्रबंधक श्रीवास सेन ने अपने प्रवचन के दौरान महात्मा गाँधी के उस व्यक्तव्य का
पठन किया जिसमें गांधीजी ने राष्ट्रभाषा एवं क्षेत्रीय भाषाओँ के उपयोग का सन्देश
दिया है. उन्होंने बैंक में इसके बड़े
पोस्टर बनाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा
कि हमें व्याकरण की गलतियों की परवाह न करते हुए हिंदी बोलना जारी रखना चाहिए .
अधिकारी संगठन के सहायक महासचिव अनिलेश्वर गोस्वामी एवं कर्मचारी संगठन के सहायक
महासचिव पवित्र भराली ने भी अपने अपने भाषण में सभी से हिंदी के प्रयोग को बढाने
का अनुरोध किया. इस अवसर पर मुख्य-प्रबंधक दिलीप दत्ता ने गृहमंत्री चिदंबरम,
मुख्य-प्रबंधक अरुण जोशी ने वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी तथा अध्यक्ष मिसिर अली अहमद
ने बैंक के अध्यक्ष प्रतीप चौधरी के सन्देश का पठन किया.
पुरस्कार प्रदान करते हुए मुख्य अतिथि नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति के सदस्य सचिव अजय कुमार
पुरस्कार प्रदान करते हुए मुख्य अतिथि नगर राजभाषा कार्यांवयन समिति के सदस्य सचिव अजय कुमार
इस राजभाषा सप्ताह में प्रत्येक
दिन एक प्रतियोगिता का आयोजन करते हुए कुल आठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया
जिसमें 59
सहभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय,
एवं तृतीय मुख्य पुरस्कारों के अलावा पाँच-पाँच सांत्वना पुरस्कार भी दिए गये.
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम बासबी हजारिका, द्वितीय मंजुला बरुवा, तृतीय आराधना
शर्मा, तत्काल भाषण में प्रथम ब्रजेश-आनन्द, द्वितीय शकील अहमद, तृतीय देबोजीत दास,
हिन्दी व्याकरण में प्रथम एंथोनी हंसदाक तथा देबेन फुकन, द्वितीय डिम्बेश्वर गोगोई,
तृतीय गोकुल विश्वास तथा अभिनव बरुआ, राजभाषा नीति ज्ञान में प्रथम मंजुला बरुवा,
द्वितीय आराधना शर्मा, तृतीय जिनु बोरा, पत्र लेखन प्रतियोगिता में प्रथम रंजीत
बरुआ, द्वितीय अनुपम राजखोवा, तृतीय भोवेश बोरदोलोई, श्रुतिलेखन प्रतियोगिता में
प्रथम दिलीपकुमार दत्ता, द्वितीय माधुरी सेन, तृतीय गीतांजली बोरा, बैंकिंग
शब्दावली में प्रथम सुभाष पाल, द्वितीय उमाकांत उपाध्याय तथा मनोमोहन दास, तृतीय नाजरीन
अख्तर तथा शकील अहमद, अधीनस्थ कर्मचारियों की हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम अहिम
कोटोकी, द्वितीय प्रहलाद कलिता , एवं तृतीय बिनोद शर्मा रहे.
पुरस्कार प्रदान करते हुए पूर्वांचल-प्रहरी के स्थानीय संपादक एस के मिश्र
समापन समारोह के दिन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ही तत्काल भाषण प्रतियोगिता रखी गई जिसमें में निर्णायकों की भूमिका अतिथियों अजय कुमार एवं सरोजलाल दास ने निभाई. कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अधिकारी ललित सिसोदिया एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन देबोजित दास ने किया. माधुरी सेन ने धन्यवाद भाषण दिया.
समापन समारोह के दिन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ही तत्काल भाषण प्रतियोगिता रखी गई जिसमें में निर्णायकों की भूमिका अतिथियों अजय कुमार एवं सरोजलाल दास ने निभाई. कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अधिकारी ललित सिसोदिया एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन देबोजित दास ने किया. माधुरी सेन ने धन्यवाद भाषण दिया.
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